आचार्य चतुसेन शास्त्री--वैशाली की नगरबधू-

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22. माण्डव्य उपरिचर : वैशाली की नगरवधू महाराज प्रसेनजित् दीर्घिका के शुभ्र मर्मर सोपान पर बैठे थे। स्वच्छ जल में रंग-बिरंगी मछलियां क्रीड़ा कर रही थीं। प्रभात का सुखद समीर नये ...

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